विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं

17/09/2024

सभी को सृष्टि के रचयिता देवशिल्पी

भगवान विश्वकर्मा जी

की जयंती पर हार्दिक शुभकामनाएं। इस पावन पर्व पर मैं निर्माण एवं वास्तुकला के देवता की प्रेरणा से नये व आधुनिक भारत के पुनर्निर्माण में जुटे सभी परिश्रमी सृजन शिल्पियों को नमन करता हूँ।

विश्वकर्मा जी की सदा करो जय जयकार,
करते हैं सदा सब पर उपकार,
इनकी महिमा है सबसे न्यारी,
ये अर्ज सुनो भगवान हमारी.

ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ॥
आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया।
शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नही पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ॥
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुख कीना ॥
जब रथकार दम्पती, तुमरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत्ति हरी सगरी ॥
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे ॥
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शांति पावे ॥
टिप्पणियां श्री विश्वकर्मा जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानन स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे ॥
।।ॐ शांति ।।










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